Tuesday, April 8, 2014

रंजीत ठाकुर की क़लम से

उनकी आखें बहुत ख़ूबसूरत हैं
इसमें कोई शक नहीं ...
वो झील सी गहरी हैं या नही
ये वो जानें जो डूबे हों कभी

हमने तो जब भी देखा है
उन आँखों में
तो औरत होने का डर देखा है

और इक सरहद देखी है
जिसके पार देखना
उन आँखों की गुस्ताख़ी है


---रंजीत Ranjeet Thakur

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